अवैध ड्रग मानव जीवन के लिए अत्यधिक खतरनाक: डॉ. आर.के. कोली

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अवैध ड्रग मानव जीवन के लिए अत्यधिक खतरनाक: डॉ. आर.के. कोली
जिला चिकित्सालय मोतीपुर, ओयल में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध और तस्करी रोकथाम दिवस

लखीमपुर-खीरी, 26 जून – जिला चिकित्सालय, मोतीपुर, ओयल में अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध और तस्करी रोकथाम दिवस बड़े ही जागरूकतापूर्ण और गंभीर माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. आर.के. कोली ने की। इस आयोजन का उद्देश्य समाज को नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और युवाओं को नशे की चपेट में आने से रोकना था।

संगोष्ठी की शुरुआत डॉ. अखिलेश शुक्ला के वक्तव्य से हुई, जिसमें उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध दिवस के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों को बाहर निकालना, अवैध तस्करी को रोकना और एक नशा-मुक्त समाज की ओर बढ़ना है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष 26 जून को यह दिवस मनाया जाता है, ताकि नशे की लत और उससे जुड़ी सामाजिक समस्याओं पर वैश्विक स्तर पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

इस वर्ष का थीम “न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल” रहा, जिसमें समाज के हर वर्ग, विशेषकर युवाओं और कमजोर वर्गों के लिए न्यायपूर्ण और स्वास्थ्यसमर्पित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता बताई गई।

डॉ. आर.के. कोली ने अपने संबोधन में कहा कि “अवैध ड्रग्स मानव जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक हैं। ये न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बर्बाद करते हैं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक जीवन को भी पूरी तरह तहस-नहस कर देते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि नशे की गिरफ्त में आए व्यक्ति का आत्मसम्मान टूटता है, वह समाज में अपमानित होता है और कई बार अपराध की ओर भी अग्रसर हो जाता है।

कार्यक्रम में डॉ. शिखर बाजपेई और डॉ. शिशिर पाण्डेय ने भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि ड्रग्स के सेवन से शरीर में कई प्रकार की गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे – लीवर फेलियर, किडनी डैमेज, मानसिक विकार, हृदय रोग, ब्रेन हैमरेज और यहां तक कि मृत्यु भी। मानसिक स्तर पर व्यक्ति डिप्रेशन, एंग्जायटी, स्किजोफ्रेनिया जैसी जटिल समस्याओं से भी घिर जाता है।

डॉ. शुक्ला ने समाज में प्रचलित विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों जैसे हेरोइन, अफीम, गांजा, ब्राउन शुगर, सिंथेटिक ड्रग्स आदि की जानकारी दी और उनके उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया।

इस अवसर पर सीएमएस डॉ. कोली ने बताया कि जिला चिकित्सालय, मोतीपुर ओयल के मानसिक रोग विभाग के कमरा नंबर 02 में ड्रग्स से पीड़ित व्यक्तियों का मुफ्त इलाज उपलब्ध है। यहां पर मरीजों को न केवल दवाओं से उपचार दिया जाता है, बल्कि काउंसलिंग सेवा भी प्रदान की जाती है ताकि वे मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो सकें। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा संचालित 14416 टेली-मानस सेवा भी उपलब्ध है, जिसमें कोई भी व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य या नशे से संबंधित किसी भी प्रकार की सलाह प्राप्त कर सकता है।

कार्यक्रम में साइकेट्रिक सोशल वर्कर अतुल कुमार पाण्डेय, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट स्तुति कक्कड़, साइकेट्रिक नर्स विवेक मित्तल, स्वास्थ्य कर्मचारी पंकज शुक्ला, धर्मेंद्र मौर्या, बसंत गुप्ता, अनुज त्रिवेदी सहित अनेक चिकित्सकों और कर्मचारियों ने भाग लिया। उपस्थित जनसमूह ने भी इस आयोजन में गहरी रुचि दिखाई और ड्रग्स के विरुद्ध चलाए जा रहे इस अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया।

अंत में डॉ. कोली ने सभी को नशामुक्त समाज के निर्माण में सहयोग देने और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करने की अपील की। यह कार्यक्रम समाज के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा बल्कि इसमें एक स्पष्ट संदेश दिया गया कि नशा कोई समाधान नहीं बल्कि विनाश की ओर ले जाने वाला रास्ता है।

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