मिशन शक्ति 5.0 की बेटियों ने दिखाई ताकत, आत्मरक्षा से लेकर निशानेबाजी तक दमदार प्रदर्शन
लखीमपुर खीरी, 14 अक्टूबर।
आर्यकन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बालिकाओं के लिए मंगलवार का दिन आत्मविश्वास, सम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया। मिशन शक्ति 5.0 के तहत आयोजित सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा भव्य प्रमाणपत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया, जिसने बेटियों के हौसले को एक नई उड़ान दी।

शुभारंभ में नारी शक्ति का सम्मान
कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने प्रशिक्षु आईएएस मनीषा धारवे और कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर गीता शुक्ला के साथ दीप प्रज्ज्वलन और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। संचालन एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर सविता शुक्ला ने किया।
“हर बेटी में है शक्ति, उसे पहचानना जरूरी” — डीएम
छात्राओं को संबोधित करते हुए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि मिशन शक्ति का मकसद केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता की भावना जगाना है। उन्होंने कहा—
“जब बेटियां सशक्त होंगी, तब समाज और राष्ट्र मजबूत होगा। हर बेटी में शक्ति है, जरूरत है उसे पहचानने और निखारने की।”
डीएम ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त बालिकाएं किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में डटकर मुकाबला कर सकती हैं। यह प्रशिक्षण सिर्फ शारीरिक सुरक्षा नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता और आत्मसम्मान को बढ़ाने वाला है। उन्होंने बेटियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि अब वे झुकेंगी नहीं, बल्कि जवाब देना जानती हैं।

आईएएस मनीषा धारवे का संदेश
प्रशिक्षु आईएएस मनीषा धारवे ने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण केवल लड़ाई सिखाने का माध्यम नहीं, बल्कि यह बेटियों के भीतर आत्मविश्वास, साहस और नेतृत्व क्षमता विकसित करने का साधन है। उन्होंने कहा—
“आज की बेटियां कल की निडर नागरिक हैं, और यह प्रशिक्षण उन्हें जीवन की हर चुनौती से निपटने की क्षमता देता है।”
मंच पर बेटियों का दमदार प्रदर्शन, तालियों से गूंजा सभागार
तुलसी सभागार में जब प्रशिक्षक जितेंद्र के निर्देशन में छात्राओं ने मंच संभाला, तो उपस्थित दर्शकों की तालियां थमने का नाम नहीं ले रहीं थीं। आत्मरक्षा के हर दांव और हर वार में आत्मविश्वास और जुझारूपन साफ झलक रहा था।
किसी ने छेड़छाड़ की स्थिति में मनचले को पलभर में जमीन पर पटका, तो किसी ने एक झटके में बचाव और वार की तकनीकें दिखाकर सबको चौंका दिया। उनके हावभाव जैसे कह रहे थे —
“अब डरना नहीं, डटकर लड़ना सीखा है हमने!”
कार्यक्रम में डॉ. सुरचना त्रिवेदी, श्रीमती अर्चना सिंह, डॉ. क्षमा तिवारी, डॉ. प्रीती सिंह, डॉ. सविता शुक्ला, श्रीमती विमलेश और डॉ. राखी चौहान सहित बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं।
निशानेबाजी में भी बेटियों ने साधा कमाल
मिशन शक्ति के अंतर्गत एनसीसी कैडेट्स ने युवराज दत्त इंटर कॉलेज, ओयल की शूटिंग रेंज में निशानेबाजी प्रशिक्षण में हिस्सा लिया। फायरिंग अभ्यास के दौरान छात्राओं की एकाग्रता, दृढ़ता और जोश देखते ही बनता था।
हर ट्रिगर दबाने के साथ उनके चेहरे पर चमक और आंखों में आत्मविश्वास साफ झलक रहा था। यह एहसास बेहद मजबूत था—
“मैं भी कर सकती हूं… और कर दिखाऊंगी!”
निशानेबाजी की हर आवाज जैसे यह संदेश दे रही थी कि बेटियां अब केवल अपनी रक्षा नहीं करेंगी, बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ने को तैयार हैं।
सम्मान ने बढ़ाया हौसला, चेहरे खिले गर्व से
सेल्फ डिफेंस में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को मंच पर सम्मानित किया गया। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने प्रमाणपत्र और प्रोत्साहन देकर उनकी मेहनत को सराहा। सम्मान पाकर बेटियों के चेहरे गर्व से खिल उठे और पूरे सभागार में एक सशक्त संदेश गूंजा—
✅ “बेटियां अब रुकेंगी नहीं, हर मोर्चे पर डटकर आगे बढ़ेंगी।”
मिशन शक्ति 5.0: आत्मविश्वास और सुरक्षा का नया युग
यह आयोजन केवल एक प्रशिक्षण का समापन नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का संकेत था। मानसिक दृढ़ता, शारीरिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की यह सीख अब बालिकाओं के व्यक्तित्व का हिस्सा बन चुकी है।
संदेश स्पष्ट है —
अब बेटियां डरने के लिए नहीं, नेतृत्व और संघर्ष के लिए तैयार हैं।

