लखीमपुर खीरी में खुरपका-मुँहपका टीकाकरण अभियान का हुआ शुभारंभ, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने गोवंशों को खिलाया गुड़-चना, किया पौधरोपण

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लखीमपुर खीरी में खुरपका-मुँहपका टीकाकरण अभियान का हुआ शुभारंभ, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने गोवंशों को खिलाया गुड़-चना, किया पौधरोपण

लखीमपुर खीरी, 23 जुलाई 2025
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत खुरपका-मुँहपका रोग से बचाव हेतु आज एक व्यापक टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया गया। जिले के ओयल देहात स्थित गो-आश्रय स्थल से जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल और मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक कुमार ने एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं टीकाकरण की प्रक्रिया को प्रारंभ कर संरक्षित गोवंशों को टीका लगवाया और उन्हें गुड़-चना एवं हरा चारा भी खिलाया।

इस अभियान के तहत लखीमपुर खीरी जिले में 10 लाख 43 हजार 972 गोवंशों का टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सीवीओ डॉ. दिनेश कुमार सचान ने जानकारी दी कि टीकाकरण कार्य की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए जिले के सभी ब्लॉकों पर टीमें गठित की गई हैं, जो डोर-टू-डोर जाकर टीकाकरण करेंगी। इसके लिए 15 सचल वाहन और 15 एंबुलेंस को तैनात किया गया है।

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि,

“राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम केवल एक टीकाकरण मुहिम नहीं, बल्कि यह किसानों की आय, गोवंशों के स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती से जुड़ी एक महत्त्वपूर्ण पहल है। हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक गोवंश तक समय पर टीकाकरण पहुंचे और किसी भी आश्रय स्थल में चारे, पानी या देखभाल की कोई कमी न हो।”

उन्होंने गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था, चारा उपलब्धता और पशुओं की चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने छायादार, फलदार और औषधीय पौधों का पौधरोपण कर पर्यावरण-संवर्धन का संदेश भी दिया।

सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि अभियान का लाभ प्रत्येक गोवंश को मिले। आश्रय स्थलों की व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रधान, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), डिप्टी सीवीओ डॉ. हनी सक्सेना, डॉ. अरविंद मोहन वर्मा, पशु चिकित्सक डॉ. राकेश, डॉ. सौरभ सिंगाही और डॉ. अनिरुद्ध समेत बड़ी संख्या में पशुपालक एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।

इस अभियान से न केवल पशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाया जाएगा, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था और डेयरी उद्योग को भी मजबूती प्रदान करेगा। प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा यह कदम सराहनीय है और आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

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