लखीमपुर खीरी में डीएम-एसपी ने किया हरिशंकरी पौधारोपण, पर्यावरण संरक्षण को दिया नया आयाम
हर तहसील में जनसहभागिता से चला हरियाली का महाअभियान
लखीमपुर खीरी, 02 अगस्त — पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए जा रहे हरिशंकरी पौधारोपण अभियान ने शनिवार को जिलेभर में जनांदोलन का रूप ले लिया। तहसील लखीमपुर परिसर में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल और पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने पर्यावरण प्रेमियों, समाजसेवियों और लोक भारती के पदाधिकारियों के साथ मिलकर पीपल, बरगद और पाकड़ के पौधे रोपकर हरियाली का संदेश दिया।

हरिशंकरी वृक्ष: प्रकृति, संस्कृति और स्वास्थ्य के प्रतीक
इस अवसर पर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि “हरिशंकरी पौधे — पीपल, बरगद और पाकड़ — भारतीय संस्कृति, पर्यावरणीय संतुलन और मानव स्वास्थ्य के प्रतीक हैं। इनका एक साथ रोपण न केवल आस्था से जुड़ा है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है।” उन्होंने आमजन से अपील की कि पौधों को सिर्फ रोपें नहीं, बल्कि उनका संरक्षण और पोषण भी करें ताकि आने वाली पीढ़ियां स्वच्छ, शुद्ध और हरित पर्यावरण में सांस ले सकें।
एसपी संकल्प शर्मा ने भी अभियान की सराहना करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए ऐसे जन-संवेदनशील प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने पुलिस विभाग की ओर से भी वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
जनसहभागिता से बना हरियाली का महा अभियान
पौधारोपण कार्यक्रम में एसडीएम सदर अंजनी कुमार सिंह, प्रांत समरसता प्रमुख डॉ. राम नरेश शर्मा, लोक भारती जिला संयोजक अतुल रस्तोगी, हरिशंकरी अभियान के जिला संयोजक मानवेंद्र सिंह ‘संजय’, सह संयोजक राममोहन गुप्त, विशाल सेठ, मयूरी नागर, सीमा गुप्ता, अनुश्री गुप्ता, कुमकुम गुप्ता, सुमन श्रीवास्तव, कुसुम गुप्ता समेत पर्यावरण मित्र समूह के प्रतिनिधि, स्थानीय नागरिक व समाजसेवी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
जिले की सभी तहसीलों में चला सामूहिक पौधारोपण
लखीमपुर खीरी जिले की सभी सात तहसीलों में भी यह हरिशंकरी पौधारोपण अभियान एक साथ चलाया गया। लोक भारती के नेतृत्व और स्थानीय प्रशासनिक सहयोग से प्रत्येक तहसील परिसर में उप जिलाधिकारियों और अधिकारियों ने हरिशंकरी वृक्षों का सामूहिक रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश दिया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में वृक्षों के महत्व, उनके औषधीय गुण, पारिस्थितिकी संतुलन में उनकी भूमिका और भारतीय परंपराओं से उनके गहरे संबंध को भी रेखांकित किया गया। वक्ताओं ने बताया कि पीपल, बरगद और पाकड़ न केवल ऑक्सीजन के बड़े स्रोत हैं, बल्कि ये जलवायु परिवर्तन से निपटने, भू-क्षरण रोकने और जैव विविधता बनाए रखने में भी अत्यंत सहायक हैं।
हरियाली को जनांदोलन बनाने की पहल
हरिशंकरी अभियान को केवल एक दिन की गतिविधि न मानते हुए इसे निरंतर चलाने पर बल दिया गया। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि “प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह जनसहभागिता के माध्यम से हरियाली को जनांदोलन का रूप दे।” उन्होंने सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों पर भी पौधरोपण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
लोक भारती के पदाधिकारियों ने भी यह भरोसा दिलाया कि वे समाज के हर वर्ग को जोड़कर पौधों के संरक्षण के लिए नियमित रूप से मॉनिटरिंग करेंगे। अभियान में भाग लेने वालों को हरिशंकरी वृक्षों के महत्व से संबंधित साहित्य भी वितरित किया गया।
निष्कर्ष:
लखीमपुर खीरी में हरिशंकरी पौधारोपण अभियान ने न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि यह संदेश भी दिया कि हर व्यक्ति की भागीदारी से ही प्रकृति की रक्षा संभव है। डीएम और एसपी जैसे शीर्ष अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान और भी प्रेरणादायक बन गया, जो आने वाले समय में जिले को और अधिक हरा-भरा और स्वच्छ बनाएगा।
