सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण पर 10 दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण पर 10 दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

लखीमपुर खीरी। महिलाओं के अधिकारों, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर संकल्प हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन योजना के अंतर्गत चलाए जा रहे 10 दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का समापन शनिवार को हुआ। जिले के सभी 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस अवसर पर विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। दसवें दिन की गतिविधियों का मुख्य विषय रहा – “Girl/Women excelling in STEM field” यानी विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली लड़कियों और महिलाओं की भूमिका।

सीएमओ और जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में हुआ आयोजन

इस कार्यक्रम का संचालन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष गुप्ता एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी के मार्गदर्शन में किया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, आशा संगिनी, महिला सशक्तिकरण विभाग, वन स्टॉप सेंटर के प्रतिनिधि और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए।

मिशन शक्ति और महिला सुरक्षा पर चर्चा

कार्यक्रम के दौरान महिला सुरक्षा और मिशन शक्ति अभियान को विशेष रूप से केंद्र में रखा गया। सेंटर मैनेजर रश्मि चतुर्वेदी ने मिशन शक्ति के प्रमुख घटकों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने पोक्सो एक्ट, वन स्टॉप सेंटर की सुविधाओं, तथा हिंदू मैरिज एक्ट से संबंधित कानूनी प्रावधानों पर प्रतिभागियों को जागरूक किया। इसके साथ ही महिलाओं और किशोरियों को मिशन शक्ति मोबाइल ऐप डाउनलोड कर उसका उपयोग करने की सलाह भी दी गई।

POSH एक्ट और बाल विवाह प्रतिषेध पर जागरूकता

जिला मिशन कोऑर्डिनेटर आर्य मित्रा बिष्ट ने महिलाओं के कार्यस्थल पर उत्पीड़न की रोकथाम के लिए बने POSH एक्ट 2013 के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने आंतरिक और स्थानीय परिवाद समितियों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही शी-बॉक्स पोर्टल और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई

इस अवसर पर महिलाओं और किशोरियों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई। इनमें कन्या सुमंगला योजना और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना जैसी योजनाएँ शामिल थीं। वक्ताओं ने समझाया कि इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाएं और बच्चियां न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हो सकती हैं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नई ऊँचाइयों को छू सकती हैं।

महिला स्वास्थ्य और अधिकार पर विशेष बल

सभी 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिनमें फरधान और गोला विकासखंड के स्वास्थ्य केंद्र प्रमुख रहे, में आयोजित इन कार्यशालाओं में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित, डॉ. गणेश, डॉ. योगेश कुमार, महिमा, वन स्टॉप सेंटर से नरेंद्र और रोमिल, तथा बड़ी संख्या में एएनएम और आशा संगिनियां उपस्थित रहीं। स्वास्थ्य विभाग और महिला सशक्तिकरण विभाग की टीमों ने मिलकर प्रतिभागियों को महिला सुरक्षा, अधिकार और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर जागरूक किया।

विशेषज्ञों ने कहा कि महिलाओं की वास्तविक सशक्तिकरण यात्रा तभी संभव है जब वे स्वास्थ्य, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ें। STEM फील्ड में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाना समय की जरूरत है, क्योंकि यही भविष्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का आधार है।

महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर कदम

कार्यक्रम के दौरान यह संदेश दिया गया कि समाज में महिलाओं को सिर्फ सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और समान अवसरों की भी आवश्यकता है। इस कड़ी में मिशन शक्ति जैसे अभियानों और सरकारी योजनाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

अंत में, सभी प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति जताई कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि महिलाओं को अपने अधिकारों और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी मिलती रहे।

इस 10 दिवसीय कार्यक्रम ने न केवल महिलाओं और किशोरियों को उनके कानूनी अधिकारों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया, बल्कि उन्हें यह भी प्रेरित किया कि वे शिक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़कर समाज के विकास में सक्रिय भागीदार बनें।

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